दुर्गा जी के आगमन,गमन फल
DURGA
दुर्गा आगमन
""'''""""""""""
शशि सूर्ये गजारुढ़ा
शनि भौमे तुरंग मे ।
गुरौ शुक्रे च दोलायां
बुधे नौका प्रकीर्तिता ।
शब्द--> शशि = चन्द्रमा = सोम
संकेत सूर्य = रवि
गज = हाथी
आरुढ़ = सवार
भौम = मंगल
तुरंग = घोड़ा
गुरौ = गुरुवार = वृहस्पति
दोलायां= डोला = पालकी
नौका = नाव
● अर्थ -
सोम दिन,रवि दिन जँ कलश स्थापन
होइत अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी
के आगमन हाथी पर होइत अछि।
शनि दिन,मंगल दिन जँ कलश स्थापन
होइत अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी
के आगमन घोड़ा पर होइत अछि।
वृहस्पति दिन,शुक्र दिन यदि
कलश स्थापना होइत अछि,तS
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन
डोला/पालकी पर होइत अछि।
बुध दिन जँ कलश स्थापन होइत
अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी के
आगमन नाव पर होइत अछि।
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दुर्गा आगमन फल
""'''""''''''"""''''""''''
गजे च जलदा
देवी क्षत्रभंगस्तुरंग मे ।
नौकायां सर्वसिद्धिः
स्याद्दोलायां मरणं ध्रुवम् ।
शब्द --> गज = हाथी
संकेत जलदा= वृष्टि = वर्षा
देवी = भगवती
क्षत्र = राज मुकुट/ राज शक्ति
तुरंग = घोड़ा = अश्व
नौका = नाव
सर्वसिद्धि = कल्याणकारी
दोला = डोला = पालकी
मरण = मृत्यु
ध्रुवम् = निश्चित
● अर्थ -
माँ भगवती जी के आगमन जँ
गज/हाथी पर होइत अछि, तS
आगामी बढ़ियाँ वृष्टि/वर्षा हेतैक,
एहन मानल जाइत अछि। यानि
समय-साल नीक हेबाक संभावना
मानल जाइत अछि।
माँ भगवती जी के आगमन यदि
घोड़ा पर होइत अछि,तS राजा
/प्रजा पालक के मुकुट भंग हेबाक
संभावना मानल जाइत अछि। यानि
देश मे प्रजा सब मे आपस मे विद्रोह
मारकाट दंगा-फसाद,अस्त-व्यस्ता
के माहौल बनल रहबाक संकेत
भेटैत अछि । एहन मान्यता अछि ।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन जँ
नौका/नाव पर होइत अछि तS
सर्वसिद्धि के योग मानल गेलैक
अछि। यानि आगामी समय-साल
सर्वसिद्धिदायक,लोक कल्याणकारी
रहत। प्रजा के बीच उत्तमोत्तम समय
के आसार मानल जाइत अछि।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन यदि
डोला/पालकी पर होइत अछि तS
आगामी समय मे हैजा प्लेग महामारी
आदि रोग सँ मरण हेबाक संभावना
मानल गेलैक अछि।
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दुर्गा गमन फल
"''''"""'""'''''''''''''
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया
महिषागमने रुजशोककरा,
शनि भौम दिने यदि सा विजया
चरणायुद्ध यानकरी विकला ।
बुध शुक्र दिने यदि सा विजया
गजवाहनगा शुभ वृष्टिकरा,
सुरराजगुरौ यदि सा विजया
नरवाहनगा शुभ सौख्यकरा ।
● अर्थ -
सोम दिन,रवि दिन जँ विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ दुर्गा भगवती जी
के गमन/प्रस्थान महिस(भैंस) पर
होइत अछि।
● फल -
माँ दुर्गा जी के गमन यदि महिस/भैंस
पर होइत अछि, तS लोक सब के रोग,
शोक दुःख के परिस्थिति के सामना
करS पड़ैत अछि, एहन मान्यता अछि ।
शनि दिन,मंगल दिन यदि विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ भगवती जी के
गमन/प्रस्थान पैदल होइत छैन्हि।
● फल -
माँ भगवती जी गमन/प्रस्थान जँ
चरण/पैदल होइत अछि, तS
आगामी समय-साल युद्धकारी,अशांत,
चिंतातुर,व्याकुलता बला वातावरण
बनल रहत एहन मान्यता छैक।
बुध दिन,शुक्र दिन जँ विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ दुर्गा जी के
गमन(प्रस्थान) गज/हाथी पर होइत
अछि।
●फल -
माँ दुर्गा जी गमन यदि हाथी पर होइत
अछि, तS शुभ समय के द्योतक अछि,
नीक वर्षा हैत,एहन मानल जाइत अछि।
देवता लोकनि के गुरु यानि वृहस्पति
दिन जँ विजया दशमी होइत अछि,
तS माँ दुर्गा भगवती जी गमन नर-वाहन
/मनुष्य के सवारी होइत अछि।
●फल -
माँ भगवती जी के गमन जँ नर-वाहन
/मनुष्यक सवारी पर होइत अछि,तS
लोक सब लेल आगामी समय शुभकारी, सुखदायी होइत अछि, एहन मान्यता
अछि।
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◆ नोट -->
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन
कलश स्थापन के दिन एवम्
भगवती जी के गमन विजया दशमी के
दिन के अनुसार वर्ष के शुभ आ अशुभ
फल के संकेत मानल जाइत अछि।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन,गमन
के फल के प्रभाव सम्पूर्ण राष्ट्र पर पड़ैत
अछि।
DURGA
दुर्गा आगमन
""'''""""""""""
शशि सूर्ये गजारुढ़ा
शनि भौमे तुरंग मे ।
गुरौ शुक्रे च दोलायां
बुधे नौका प्रकीर्तिता ।
शब्द--> शशि = चन्द्रमा = सोम
संकेत सूर्य = रवि
गज = हाथी
आरुढ़ = सवार
भौम = मंगल
तुरंग = घोड़ा
गुरौ = गुरुवार = वृहस्पति
दोलायां= डोला = पालकी
नौका = नाव
● अर्थ -
सोम दिन,रवि दिन जँ कलश स्थापन
होइत अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी
के आगमन हाथी पर होइत अछि।
शनि दिन,मंगल दिन जँ कलश स्थापन
होइत अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी
के आगमन घोड़ा पर होइत अछि।
वृहस्पति दिन,शुक्र दिन यदि
कलश स्थापना होइत अछि,तS
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन
डोला/पालकी पर होइत अछि।
बुध दिन जँ कलश स्थापन होइत
अछि,तS माँ दुर्गा भगवती जी के
आगमन नाव पर होइत अछि।
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दुर्गा आगमन फल
""'''""''''''"""''''""''''
गजे च जलदा
देवी क्षत्रभंगस्तुरंग मे ।
नौकायां सर्वसिद्धिः
स्याद्दोलायां मरणं ध्रुवम् ।
शब्द --> गज = हाथी
संकेत जलदा= वृष्टि = वर्षा
देवी = भगवती
क्षत्र = राज मुकुट/ राज शक्ति
तुरंग = घोड़ा = अश्व
नौका = नाव
सर्वसिद्धि = कल्याणकारी
दोला = डोला = पालकी
मरण = मृत्यु
ध्रुवम् = निश्चित
● अर्थ -
माँ भगवती जी के आगमन जँ
गज/हाथी पर होइत अछि, तS
आगामी बढ़ियाँ वृष्टि/वर्षा हेतैक,
एहन मानल जाइत अछि। यानि
समय-साल नीक हेबाक संभावना
मानल जाइत अछि।
माँ भगवती जी के आगमन यदि
घोड़ा पर होइत अछि,तS राजा
/प्रजा पालक के मुकुट भंग हेबाक
संभावना मानल जाइत अछि। यानि
देश मे प्रजा सब मे आपस मे विद्रोह
मारकाट दंगा-फसाद,अस्त-व्यस्ता
के माहौल बनल रहबाक संकेत
भेटैत अछि । एहन मान्यता अछि ।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन जँ
नौका/नाव पर होइत अछि तS
सर्वसिद्धि के योग मानल गेलैक
अछि। यानि आगामी समय-साल
सर्वसिद्धिदायक,लोक कल्याणकारी
रहत। प्रजा के बीच उत्तमोत्तम समय
के आसार मानल जाइत अछि।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन यदि
डोला/पालकी पर होइत अछि तS
आगामी समय मे हैजा प्लेग महामारी
आदि रोग सँ मरण हेबाक संभावना
मानल गेलैक अछि।
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दुर्गा गमन फल
"''''"""'""'''''''''''''
शशि सूर्य दिने यदि सा विजया
महिषागमने रुजशोककरा,
शनि भौम दिने यदि सा विजया
चरणायुद्ध यानकरी विकला ।
बुध शुक्र दिने यदि सा विजया
गजवाहनगा शुभ वृष्टिकरा,
सुरराजगुरौ यदि सा विजया
नरवाहनगा शुभ सौख्यकरा ।
● अर्थ -
सोम दिन,रवि दिन जँ विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ दुर्गा भगवती जी
के गमन/प्रस्थान महिस(भैंस) पर
होइत अछि।
● फल -
माँ दुर्गा जी के गमन यदि महिस/भैंस
पर होइत अछि, तS लोक सब के रोग,
शोक दुःख के परिस्थिति के सामना
करS पड़ैत अछि, एहन मान्यता अछि ।
शनि दिन,मंगल दिन यदि विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ भगवती जी के
गमन/प्रस्थान पैदल होइत छैन्हि।
● फल -
माँ भगवती जी गमन/प्रस्थान जँ
चरण/पैदल होइत अछि, तS
आगामी समय-साल युद्धकारी,अशांत,
चिंतातुर,व्याकुलता बला वातावरण
बनल रहत एहन मान्यता छैक।
बुध दिन,शुक्र दिन जँ विजया दशमी
होइत अछि, तS माँ दुर्गा जी के
गमन(प्रस्थान) गज/हाथी पर होइत
अछि।
●फल -
माँ दुर्गा जी गमन यदि हाथी पर होइत
अछि, तS शुभ समय के द्योतक अछि,
नीक वर्षा हैत,एहन मानल जाइत अछि।
देवता लोकनि के गुरु यानि वृहस्पति
दिन जँ विजया दशमी होइत अछि,
तS माँ दुर्गा भगवती जी गमन नर-वाहन
/मनुष्य के सवारी होइत अछि।
●फल -
माँ भगवती जी के गमन जँ नर-वाहन
/मनुष्यक सवारी पर होइत अछि,तS
लोक सब लेल आगामी समय शुभकारी, सुखदायी होइत अछि, एहन मान्यता
अछि।
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◆ नोट -->
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन
कलश स्थापन के दिन एवम्
भगवती जी के गमन विजया दशमी के
दिन के अनुसार वर्ष के शुभ आ अशुभ
फल के संकेत मानल जाइत अछि।
माँ दुर्गा भगवती जी के आगमन,गमन
के फल के प्रभाव सम्पूर्ण राष्ट्र पर पड़ैत
अछि।