jamsamwala
Tuesday, 27 January 2015
लश्कर भी तुम्हारा सरदार भी तुम्हारा,
झूठ को तुम सच लिख दो वो अखबार भी तुम्हारा,
हम शिकायत करते भी तो कहाँ करते,
सरकार भी तुम्हारी दरबार भी तुम्हारा!
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