#होरी_अछि
तहन हम कुमारे रही । संगी के वियाह भ गेल रहैक । काकी एकदिन पहिनहि कहि गेल रहथिन । बौआ कनियाँ बजौली है, काइल्ह होरी खेल' लेल । चलि ऐब ।
समौली वाली भौजी के बुझि परै जेना भगवान गर्मी छुट्टी मे गढ़ने रहैनि । घइलक कान्ह सन गरदनि । खुरचन सन आँखि । तानल धनुष सन ठोर । ताहि पर भगवाने के लगाओल लिपिस्टिक सन लाली । बुझि परै छुबि देबै त' सोनित टपकि पड़त । झक झक गोराई तेहन जेना दूध में के...उ कनी ह'रदि आ सिंदूर घोइर क नहा देने होइन। हुनकर केस गूह' लेल टोलक बचिया सभके सेहन्ता लागल रहैत छलैक । ततेक नमहर आ मोटगर जूटी गुहाइत छलैनि हुनकर केस के ।
मुदा हमरा जे सबसँ बेसी नीक लागय भउजी के खपटा सन पातर, ठार नाक । आ ताहि पर सँ वो पतरकी नथिया । हमर करेज के नाथि लेने रहैथ, वो अपन नथिया मे ।
मुदा इ की आइत' समौली वाली भौजी चिन्हें मे नहि आबि रहली है । एना कहीं केउ रंग लगौलके । ललका , हरियरका , पियरका सभ मिली कारी रंग भ गेल रहैनि समुच्चा देह । भौजी घर मे ठार हम घरक मुंह पर हुनका निहारि अचंभित । आँचर ससरि गेल रहैनि आ आंगि के बिचला बटन सेहो छउंरी सभसँग झिक्का मुक्की में टुइट गेल रहनि। ताहि द'क' जे धप धप उजर झलकइ हमरा मदहोश करबा लेल काफी छ्ल ।
भौजी आब हम कत' रंग लगाउ ? हम एतबै कहलियनि की आंगि के उपरका बटन सेहो तोइर देलथिन हे! अत' । हम घरक मुंहे पर सँ अबीर फेकि परेलहुँ ।
बुरा न मानो होली है।
अमित।
तहन हम कुमारे रही । संगी के वियाह भ गेल रहैक । काकी एकदिन पहिनहि कहि गेल रहथिन । बौआ कनियाँ बजौली है, काइल्ह होरी खेल' लेल । चलि ऐब ।
समौली वाली भौजी के बुझि परै जेना भगवान गर्मी छुट्टी मे गढ़ने रहैनि । घइलक कान्ह सन गरदनि । खुरचन सन आँखि । तानल धनुष सन ठोर । ताहि पर भगवाने के लगाओल लिपिस्टिक सन लाली । बुझि परै छुबि देबै त' सोनित टपकि पड़त । झक झक गोराई तेहन जेना दूध में के...उ कनी ह'रदि आ सिंदूर घोइर क नहा देने होइन। हुनकर केस गूह' लेल टोलक बचिया सभके सेहन्ता लागल रहैत छलैक । ततेक नमहर आ मोटगर जूटी गुहाइत छलैनि हुनकर केस के ।
मुदा हमरा जे सबसँ बेसी नीक लागय भउजी के खपटा सन पातर, ठार नाक । आ ताहि पर सँ वो पतरकी नथिया । हमर करेज के नाथि लेने रहैथ, वो अपन नथिया मे ।
मुदा इ की आइत' समौली वाली भौजी चिन्हें मे नहि आबि रहली है । एना कहीं केउ रंग लगौलके । ललका , हरियरका , पियरका सभ मिली कारी रंग भ गेल रहैनि समुच्चा देह । भौजी घर मे ठार हम घरक मुंह पर हुनका निहारि अचंभित । आँचर ससरि गेल रहैनि आ आंगि के बिचला बटन सेहो छउंरी सभसँग झिक्का मुक्की में टुइट गेल रहनि। ताहि द'क' जे धप धप उजर झलकइ हमरा मदहोश करबा लेल काफी छ्ल ।
भौजी आब हम कत' रंग लगाउ ? हम एतबै कहलियनि की आंगि के उपरका बटन सेहो तोइर देलथिन हे! अत' । हम घरक मुंहे पर सँ अबीर फेकि परेलहुँ ।
बुरा न मानो होली है।
अमित।
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